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मकर संक्रांति की शुभकामनाएं, कविता व शायरी

🪁 मकर संक्रांति व उत्तरायण शुभकामनाएं, शायरी और कविता

मकर संक्रांति और उत्तरायण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं, जो न केवल खगोलीय दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी विशेष महत्व रखते हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिससे दिन बड़े और रौशनी अधिक होने लगती है। यह पर्व उत्तर भारत में मकर संक्रांति, गुजरात में उत्तरायण, पंजाब में लोहड़ी और दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, लोग पतंगबाजी का आनंद लेते हैं, तिल-गुड़ के लड्डू बांटते हैं और दान-पुण्य कर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इस दिन बोले जाने वाले मकर संक्रांति शुभकामना संदेश, उत्तरायण की शायरी और संक्रांति पर्व की कविताएं अपनों को बधाई देने का एक अनोखा तरीका हैं।

अगर आप भी अपने प्रियजनों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं भेजना चाहते हैं या उत्तरायण पर प्रेम भरी शायरी पढ़ना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। यहां आपको सबसे बेहतरीन मकर संक्रांति स्टेटस, शायरी, कविता और विशेस मिलेंगी, जो आपके संदेश को और भी खास बना देंगी।

आइए, इस संक्रांति पर्व को हर्ष और उल्लास से भरें और अपनों को खूबसूरत शब्दों में शुभकामनाएं दें! 🪁✨ हैप्पी मकर संक्रांति!



Best Makar Sankranti & Uttarayan Wishes in Hindi

तू मेरी पतंग, मैं तेरी डोर – प्रेम शायरी

तू दिल का प्यारा का रंग है
मै डोर तू मेरी पतंग है

खुशियों से भर जाता है
जीवन जब तक तू मेरे संग है

तेरे लिए कविता हैं 
तेरे लिए लिखा है

तेरे प्यार का धागा
मेरे दिल के लिए अहम है

तेरे इस धागे से उड़ती
दिल की पतंग है

तेरी यादों के सहारे है
नहीं तो कटी पतंग से बिचारे है

तू दिल का प्यारा का रंग है
मै डोर तू मेरी पतंग है

-किशोर चौहान


🪁 पतंग संग बचपन की मीठी यादें

उड़ती उमंग उड़ता ऊंचा मन मन याद आता है
यादों में अब पतंग लिए वो बचपन याद आता है

-किशोर चौहान

दान की महिमा और मासूम ख़ुशी

भूखे को दान का महज दाना दिया हो
मासूम ख़ुशी ऐसी जैसे खजाना दिया हो

- किशोर चौहान

मकर संक्रांति: भारत का उत्सव जो जोड़ता है सबको एक डोर में

त्योहारो के देश भारत में अपने अपने समुदाय विशेष के अनेक त्योहार आते है जहां हर त्योहार अपने महत्व के आधार पर विशेष है।
जहां अलग अलग आयोजन होता है, खेल होते है, उसके आधार उसको मनाने की परम्परा रही है

वहीं एक त्योहार है जिसे मकर संक्रांति के नाम से मनाते है जहां पतंगों का का एक विशेष महत्व होता है इस लेख हम इस त्योहार को, और पतंगों के उड़ाने के विषय में एक नए तौर पर नए दृष्टिकोण के आधार सोचोगे क्या भाव रहता होगा, क्यों रहता होगा क्यों  विशेष होता है ये सब।

किसी त्योहार का सबसे  महत्वपूर्ण भाग यही उसे सभी वर्ग के लोग या सभी उम्र के लोग अपनी हिस्सेदारी के आधार पर मनाए।
जहां भक्ति भाव, प्रेम रस, आनंद का समायोजन हो सके, वहीं बच्चों में भी एक उमंग का भाव विकसित हो ओर त्योहार भी उनके लिए रुचिकर बन सके।

बच्चों में पतंग और मांजे को लेकर एक विशेष उत्साह देखा जाता है जहां है गली, छतों, मैदानों में अपनी पतंग को ऊंचाई तक ले जाने में पूर्ण उत्साह के साथ प्रयत्नशील रहते है वे चाहते है पतंग आकाश के ऊपर हो ,वे चाहते है अपने सपने सबसे सबसे ऊपर जैसे एक पतंग, वे चाहते है कोई उनका प्रतिद्वंदी जो बंधक है ऊंची उड़ान में उस बाधा को काट कर आगे बढ़ने में प्रेरित हो।

एक नई सोच, ऊंची ऊंचाई पाने का नजरिया, ऊंचे  सपनो का हौसला देता है यह त्योहार  जिसे मकर संक्रांति कहते है

इसी प्रकार से हर त्योहार के पीछे नए नजरिए ही ऊंची उड़ान को, ऊंची सोच को विकसित करते है प्रेरणा बनते है कुछ नया, और अच्छा करने के प्रत्यतनशील रहने के लिए।

💕 कटी पतंग शायरी – मोहब्बत और इंतज़ार की खूबसूरत शायरी

तुम्हे देख पंतग मेरी कट भी जाए तो अच्छा
तुम्हारी छत पर गिर जाए तो और अच्छा
हम जब मांगने आऊ कटी पंतग
तुम्हरा दिल मिल जाये तो और अच्छा

- किशोर चौहान
 

पतंग की ऊंचाई 

सपने हमारे ऊंचाई पर 
हम मेहनत की डोर हाथ लिए 

कितनी कितनी ऊंचाई 
हम ऊंची ,उम्मीद का संसार लिए 

बाधाएं तो है कट जाती है 
हुनर का हो जब किरदार लिए

पंख , पतंग और उड़ान ऊंची 
ऐसा मन में ऐसा विश्वास लिए 

ले चलो तुम सपनो की पतंग 
ऐसा एक अधिकार लिए ।।

किशोर चौहान

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दान, पतंगबाजी और खुशियों से भरा यह पर्व आपके जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आए! हैप्पी मकर संक्रांति! 
 

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