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आजादी पर कविता | जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता

देशभक्ति शायरी, कोट्स और कविता – दिल को छू लेने वाले देशप्रेम के अल्फाज़ 🔥

आजादी केवल एक शब्द नहीं, बल्कि लाखों वीर शहीदों की कुर्बानी की अमर गाथा है। भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अनगिनत वीरों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह आजादी पर कविता उन अमर बलिदानियों को समर्पित है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इस कविता में शहीदों की शौर्य गाथा, तिरंगे की महिमा और वीर रस का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

यदि आप शहीदों पर कविता, वीर रस कविता, स्वतंत्रता संग्राम पर कविता, देशभक्ति कविता हिंदी में, या तिरंगे पर कविता खोज रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए है। इस कविता के माध्यम से हम उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

यह भारतीय सैनिकों की वीरता और देशभक्ति की भावना को उजागर करने वाली कविता है, जो हर भारतीय के दिल में जोश और गर्व की भावना को प्रज्वलित कर देगी। इसे पढ़ें, अपने दोस्तों के साथ साझा करें और अपने अंदर देशप्रेम की भावना को जागृत करें

📜 आजादी पर कविता – शहीदों का बलिदान और तिरंगे की शान

आजादी का वर्णन

✍ रक्त रंजित सी बहती है मेरे कलम की ये स्याही,
अमर जीवन लिखूं मैं कैसे, जब शहीद हो गया वो सिपाही।

स्वाधीनता की उस वेदी में, उसने अमर प्रसून चढ़ाए थे,
ये कलम उस माता के चरणों में, जिसके पुत्र लौट न पाए थे।

सालों बाद भी कलम मेरी, जैसे लहू के बल पर चलती है,
देखूं आज़ादी के बाद जब, अर्थी सैनिक की निकलती है।

इस तिरंगे को कर अमर, धन्य धरा के पर जो मिट गए हैं,
लेखक सिर्फ अक्षर लिखे, वे आज़ादी लिख गए हैं।

- किशोर चौहान


 

स्वतंत्रता संग्राम पर कविता – वीरों की अमर गाथा 🔥

मैं गीत लिखूंगा प्यार के
मैं जीत लिखूंगा हार के

मैं जान लिखूंगा मार के
मैं कुछ यूं प्यार के श्रृंगार का यश लिख दूंगा
मैं प्रेम देश का लिख कर वीर रस लिख दूंगा

- किशोर चौहान

शहीदों की अमर गाथा – तिरंगे के लिए बलिदान

रोती हुई कलम ने उनके गौरव गान लिखे
तिरंगे के नाम जिसनें अपने प्राण लिखे

- किशोर चौहान

हमारी कलम अब वीरों की गाथा लिखेगी

उनकी कहानी में रानी बहुत है
हमारी कहानी में हैरानी बहुत है
क्यो लिखे बाते महज़ प्रेम की
लिखने को वीरता की कहानी बहुत है

- किशोर चौहान

कलम से वीरों को सलाम

आज  इतना अंजाम दे रहा  हूँ मैं
आज कलम को काम दे रहा हूँ मैं
जो लिख कर चले गए आजादी देश की
उनको मेरी क़लम से सलाम दे रहा हूँ मै

- किशोर चौहान

शहीदों के खून से सींची गई आज़ादी का मोल

मोन पड़े शब्दों अब कुछ ,कहने वाली आजादी 
शांति पूर्ण अपने घर ,एक रहने वाली आजादी 
क्या उन शहीदों ने तुमको दी हदपार वाली आजादी
ऐसी दिखती है जब ,भ्रष्टाचार वाली आजादी 

- किशोर चौहान


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वीर रस कविता – सैनिकों की शहादत को नमनयह कविता भारतीय सैनिकों की वीरता और त्याग को दर्शाती है। यह भारतीय सेना पर कविता उन शहीदों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
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